बोल (1)हरि हरि! बिफले जन्म गोनैनुमनुष्य-जन्म पइया, राधा-कृष्ण न भजिया,जानिया शुनिया बिसा खैनु (2)गोलोकेरा प्रेम-धन, हरि-नाम-संकीर्तन, रति ना जन्मिलो केनेतै संसार-बिसानले, दीबा-निशि हिया ज्वले,जुरैते ना कोइनु उपाये (3)ब्रजेंद्र-नंदन जेइ, शचि-सुता होइलो सेई,बलराम होइल...
श्री कृष्ण चैतन्य प्रभु दोया कोरो मोरे" इस गीत को नरोत्तम दास ठाकुर ने लिखा हैइस गाने का आधिकारिक नामसवरण श्री गौरा पद पद्मे प्रार्थना है। यह गीत पुन: प्रार्थना (खंड: लालासा गीत 1)पुस्तक से लिया गया है। इस गीत में, नरोत्तम दास ठाकुर भगवानचैतन्यऔर उनके सहयोगियों से प्र...
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