सहजिया और शुद्ध वैष्णव

  प्रिय पाठकगण, श्री श्री गुरु एवं गौरांग की महती कृपा से हम अपने शुद्धिकरण हेतु विभिन्न विषयों पर चर्चा कर रहे हैं। इस लेख में हम एक सहजिया और एक शुद्ध-वैष्णव के मध्य अंतर समझने का प्रयास करेंगे। साधारणतया नवांगुतक भक्तों तथा सामान्य जनसमूह को एक शुद्ध-वैष्णव की उच्च स्थिति का कोई अनुमान न...

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दंभ

  प्रिय पाठकों, श्री श्री गुरु एवं गौरांग की कृपा से हम निजी शुद्धिकरण व आध्यात्मिक उन्नति हेतु विभिन्न आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा कर रहे हैं। आज हम एक ऐसे विषय पर चर्चा करेंगे जो कि आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर सदैव अवरोध उत्पन्न करता है, और वह विषय है ‘दंभ’ अथवा ‘मिथ्या...

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कृपया मेरे हृदय को शुद्ध करें

  प्रिय पाठकगण, श्री श्री गुरु एवं गौरांग की महती कृपा से हम आचार्यों द्वारा प्रदत्त महत्त्वपूर्ण शिक्षाओं का श्रवण कर अपनी आध्यात्मिक चेतना विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस लेख में हम आदि गुरु ‘श्रीबलदेव’ की  महिमागान करने के इच्छुक हैं। श्रीकृष्ण की इच्छा से योगमाया न...

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श्री गुरु - हमारे शाश्वत शुभचिंतक

  प्रिय पाठकगण, श्री श्री गुरु एवं गौरांग की महती कृपा से हम परंपरा आचार्यों की शिक्षाओं का स्मरण व चिंतन कर रहे हैं। भक्त-भागवत से भक्ति विधि का श्रवण किए बिना तथा इसका अभ्यास किये बिना कोई भी भागवत-धर्म में प्रवेश नहीं कर सकता। श्रीमद्-भागवतम [११.३.२२] में भागवत धर्म सीखने के उपाय वर्णित ...

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दूसरों को कष्ट देना वैष्णव धर्म नहीं है। भाग -१

  प्रिय पाठकगण, श्री श्री गुरु एवं गौरांग की महती कृपा से हम पूर्ववर्ती आचार्यों की विभिन्न शिक्षाओं का स्मरण कर रहे हैं। भक्ति-पथ बिल्कुल तलवार की तीक्ष्ण धार  के समान है। जो तलवार चलाता है केवल वही जानता है कि तलवार कितनी सावधानीपूर्वक चलानी होती है। अन्यथा वह तलवार चलाने वाले के लिए...

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आपदाएं चक्षु दान देती हैं

  प्रिय पाठकगण, श्रीगुरु एवं श्रीगौरांग की महती कृपा से हम पूर्ववर्ती आचार्यों द्वारा प्रदत्त बृहद रसात्मक व तत्वपरायण शिक्षाओं का स्मरण कर रहे हैं। यद्यपि आध्यात्मिक विषयों पर व्याख्या करने के लिए मैं योग्य नहीं हूँ, फिर भी अपने एकमात्र सम्बल श्रीगुरु एवं श्रीगौरांग की अद्भुत अहैतुकी कृपा ...

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